मासूम बेटी होने का नाटक करती एक आकर्षक लोमडी अपने सौतेले पिता को उसके शयनकक्ष में लुभाती है। वह कुशलता से उसे अपने मुँह में लेती है, जिससे उसका वास्तविक स्वभाव प्रकट होता है। उनकी गहन मुठभेड़ विभिन्न स्थितियों में सामने आती है, जिसका समापन एक जंगली, अविस्मरणीय अनुभव में होता है।.