दो हृष्ट-पुष्ट सैनिक, अपने कमांडिंग ऑफिसर निवास में अकेले, अपनी मौलिक इच्छाओं के आगे झुक जाते हैं। उनके शरीर, अनुशासन और इच्छा से तराशे हुए, एक गर्म मुठभेड़ में मिलते हैं, सैन्य अनुशासन और शारीरिक सुख की सीमाओं को परिभाषित करते हुए उनका कच्चा जुनून।.