मंत्रमुग्ध कर देने वाली बीडीएसएम देवी, अपने विनम्र दास पर हावी होती है, जो उसे परमानंद और पीड़ा के किनारे पर धकेल देती है। उसका कुशल स्पर्श तीव्र आनंद को प्रज्वलित करता है, लेकिन तीव्र दर्द भी देता है, जिससे आनंद और दर्द की रेखाएं धुंधली हो जाती हैं।.