एक युवा भारतीय गाँव की लड़की, अपने ग्रामीण घर में अकेली, खुले आसमान के नीचे आत्म-आनंद में लिप्त होती है। उसकी उंगलियां उसके शरीर का पता लगाती हैं, देसी हिंदी में परमानंद की कराहों को महसूस करती हैं। यह भारतीय गाँव की नौकरानियों की अंतरंग मुठभेड़ एक कामुक तमाशा है।.