एक आश्चर्यजनक चोर के रूप में एक आकर्षक कहानी सामने आती है, उसकी उंगलियां चोरी हुए गहनों से सजी होती हैं, आत्म-आनंद में लिप्त होती हैं। उसकी उंगलियाँ उसकी मुंडा हुई झांटों पर नृत्य करती हैं, जिससे आत्म-प्रेम का एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला तमाशा बनता है। यह कल्पना हर स्पर्श और आह के साथ जीवंत हो जाती है।.