नकली भाई-बहन एक भावुक मुठभेड़ का आनंद लेते हुए अपने वर्जित संबंध का पता लगाते हैं। सौतेली बहन, एक मोहक लड़की, अपने अनचाहे सौतेले भाई को निषिद्ध सुखों में बहकाती है। उनकी केमिस्ट्री उत्तेजित हो जाती है, जिससे अपराधबोध की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती है।.
एक पुरुष, दूसरा महिला, भाई-बहन होने का दिखावा करते हुए, अपने मूल आग्रहों के आगे झुक जाते हैं। उनका भाई नहीं, बहन नहीं। उनका रिश्ता केवल मुखौटा है, उनका जुनून एक ज्वलंत ज्वाला है। निषिद्ध का रोमांच, वर्जना का आकर्षण, वे सब गले लगाते हैं, उनके शरीर इच्छा के नृत्य में डूबे हुए हैं। प्रलोभन के कदम, प्रत्येक चरमोत्कर्ष के करीब एक कदम बढ़ने लगते हैं, वे दोनों उत्तेजना का निर्माण करते हैं, उनकी सांसें उमड़ती हैं, उनके दिल एक सुर में चुदाई करते हैं। तनाव, उनके शरीर परमानंदन में उलझन, उनकी गूंज कमरे में गूंजती हुई। प्यार का खेल, आनंद का खेल, एक खेल वे जोश और तीव्रता के साथ खेलते हैं। एक कहानी जो आपको और अधिक चाहने पर मजबूर कर देती है, एक कहानी जो आपकी इच्छा को और इच्छाओं को और अधिक तीव्र छोड़ देती है।.